Zoho Ulaa Browser अब गूगल क्रोम और एप्पल सफारी को चुनौती दे रहा है। भारत में बने इस ब्राउज़र ने लॉन्च के कुछ ही दिनों में App Store चार्ट्स पर कब्जा कर लिया है। खासियत? प्राइवेसी और डेटा प्रोटेक्शन को लेकर यह ग्लोबल ब्राउज़र्स से कहीं आगे है।
Arattai के बाद अब Zoho Ulaa Browser की एंट्री
भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी Zoho हाल ही में लगातार चर्चा में है। कुछ समय पहले इसका चैटिंग ऐप Arattai व्हॉट्सऐप के विकल्प के तौर पर चर्चा में आया था और App Store पर टॉप चार्ट्स में पहुंचा था। अब कंपनी ने ब्राउज़र मार्केट में भी कदम रख दिया है, और Ulaa ब्राउज़र के साथ सीधा मुकाबला Google Chrome और Safari से कर रही है।
क्या है Ulaa ब्राउज़र की खासियत?
- क्रॉस-प्लेटफॉर्म सपोर्ट: यह ब्राउज़र Android, iOS, Windows, Mac और Linux सभी प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है।
- प्राइवेसी फोकस: Zoho का दावा है कि Ulaa न तो आपके डेटा को कलेक्ट करता है और न ही बेचता है। यानी कोई एड-ट्रैकिंग नहीं।
- इनबिल्ट फीचर्स: एड-ब्लॉकर और ट्रैकर प्रोटेक्शन पहले से मौजूद हैं ताकि ब्राउज़िंग क्लीन और सेफ हो।
- मल्टीपल प्रोफाइल मोड्स: वर्क, पर्सनल, किड्स, डेवलपर और ओपन सीज़न मोड्स। मतलब हर यूज़र के लिए अलग अनुभव।
- Zoho इंटीग्रेशन: यह ब्राउज़र Zoho के SSO ऑथेंटिकेशन और Zia AI-पावर्ड सर्च से जुड़ा है।
सरकारी मान्यता भी मिली
Zoho Ulaa Browser ने भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय की वेब ब्राउज़र डेवलपमेंट चैलेंज भी जीती है। यानी यह सिर्फ पॉपुलर ही नहीं बल्कि इंडिजिनस इनोवेशन का नतीजा भी है।
कहां पिछड़ रहा है Ulaa?
हालांकि, जहां Google Chrome और नए ब्राउज़र AI इंटीग्रेशन पर जोर दे रहे हैं, वहीं Ulaa अभी तक इस मामले में पीछे है। Perplexity का Comet ब्राउज़र और OpenAI का ChatGPT Agent पहले से AI फीचर्स के साथ मार्केट में हैं। अगर Ulaa को क्रोम को टक्कर देनी है, तो उसे जल्दी ही AI पावर्ड अपग्रेड्स लाने होंगे।
Arattai की तरह, Zoho Ulaa Browser भी एक भारतीय विकल्प के तौर पर तेजी से पॉपुलर हो रहा है। अब देखना होगा कि क्या यह गूगल क्रोम जैसे दिग्गजों को वाकई मात दे पाएगा।।