भारत सरकार की GST काउंसिल ने 3 सितंबर 2025 को देश की टैक्स संरचना में बड़ा बदलाव किया। 22 सितंबर 2025 से नया दो-स्तरीय GST सिस्टम लागू हो गया है। पहले जहां कई स्तरों पर टैक्स दरें लागू थीं, अब केवल दो ही दरें होंगी—5% और 18%।
इस फैसले का सीधा असर आम आदमी की जेब पर पड़ने वाला है, क्योंकि कई रोज़मर्रा के सामान और ज़रूरी चीज़ों को अब कम टैक्स स्लैब में डाल दिया गया है।
GST Rate Cut 2025 आम आदमी को कितनी बचत होगी?
टैक्स विशेषज्ञ और Ernst & Young (EY) के पार्टनर सौरभ अग्रवाल के अनुसार, एक मध्यमवर्गीय व्यक्ति जिसकी मासिक आय ₹50,000 है, उसे इस नए GST रेट कट के बाद करीब ₹1,275 प्रति माह की बचत होगी।
उन्होंने बताया कि रोज़ाना की ज़रूरी चीज़ों—खाद्य सामग्री से लेकर मेडिकल बिल तक—की कीमतें घटने से एक व्यक्ति की डिस्पोज़ेबल आय में लगभग 2.55% की बढ़ोतरी होगी। इसका मतलब है कि परिवारों के पास खर्च करने के लिए ज्यादा पैसा होगा, जिससे उनकी क्रय-शक्ति भी बढ़ेगी।
कौन-सी चीज़ें हुईं सस्ती?
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, लगभग 375 आइटम्स पर कीमतों में कटौती देखने को मिलेगी। इनमें दूध, कॉफी, कंडेंस्ड मिल्क, बिस्किट, मक्खन, अनाज, कॉर्न फ्लेक्स, 20-लीटर पैक्ड पानी, ड्राई फ्रूट्स, फेस क्रीम, पाउडर और शेविंग लोशन जैसी रोज़मर्रा की ज़रूरतें शामिल हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स पर भी असर पड़ेगा। अब एसी, डिशवॉशर, टीवी और वॉशिंग मशीन जैसे उपकरण भी सस्ते मिलेंगे।
किन चीज़ों पर बढ़ा टैक्स?
जहां ज़रूरी चीज़ों पर राहत दी गई है, वहीं सरकार ने सिन गुड्स और लग्ज़री प्रोडक्ट्स पर टैक्स बढ़ा दिया है। पान मसाला, गुटखा, तंबाकू और सिगरेट पर अब 40% का GST लगाया जाएगा।
इसके अलावा लक्ज़री कारें (1200cc से ज्यादा इंजन क्षमता वाली), 350cc से ऊपर की प्रीमियम बाइक, सॉफ्ट ड्रिंक और अन्य नॉन-अल्कोहलिक पेय पदार्थ भी अब 40% टैक्स स्लैब में आएंगे।
सरकार का यह कदम आम आदमी की जेब को राहत देने और घरेलू खपत को बढ़ाने के लिए उठाया गया है। रोज़मर्रा के सामान सस्ते होने से लोगों की बचत तो बढ़ेगी ही, साथ ही बाज़ार में खर्च करने की क्षमता भी मज़बूत होगी। वहीं, लग्ज़री और हानिकारक प्रोडक्ट्स पर बढ़ा टैक्स सरकार के रेवेन्यू को सपोर्ट करेगा।